कोरोना को घातक बना रहा है वायु प्रदुषण:
6 लाख 70 हज़ार मौते भारत में वायु प्रदुषण के कारण हर साल हो रही है, हवा पानी हमारा अधिकार है, इसपर होने वाले विवाद बदलती दुनिया में अप्रत्याशित बदलाव दर्ज़ करा रहे है.
कोरोना ऑर्गन फेलियर और लंग्स पर अटैक कर रहा है, पहले से बीमार लोगों के लिए ये घातक सिद्ध हो रहा है.
वायु प्रदुषण हर साल दिवाली के समय पराली, पटाखे और पहले से मौजूद कारण, निर्माण और उद्योग से बढ़ जाता है.
वायु और विडंबना
एयर क्वालिटी चेक करने वाले मीटर जिन्हे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स के अंतर्गत लगाया गया था,
उनका नामोनिशान बहुत जगह रहा नहीं है,
बस उम्मीद करते है की प्रदुषण घोटाला न हो जाये,
जिसमे की मेरे हिस्से की हवा मेरा पड़ोसी ले जाये और मैं उसकी कार्बन डाय ऑक्साइड पर निर्भर हो गया तो कहना ही क्या,
आने वाली पीढ़ी घर में एयर, वाटर मीटर न देखे बस यही आशा करते है,
बाकि आप अपने चिंतन के विषय में इस विचार को भी जगह जरूर दे.
राजनितिक इच्छाशक्ति की कमी
उपाय किये जाते है फिर भुला दिए जाते है, ठोस उपाय पर ध्यान दिया जाना अभी भी दूर की कौड़ी है.
अपना और अपनों का ख्याल रखे, मास्क N95 अब शायद फिर से दिखने और बिकने लगे, एयर purifier गाड़ी के साथ घरो में भी लगने लगे है, एयर कंडीशनर के जैसे कुछ सालो में ये भी एक स्टेटस सिंबल बन जायेंगे.
गरीब व्यक्ति मुफ्त बिजली और पानी के साथ हवा के नाम पर छला जा सकता है,
मुफ्त शिक्षा के साथ स्वास्थ्य की बातों के बीच में क्यों न साफ पर्यावरण को भी राजनितिक पार्टियाँ अपने मैनिफेस्टो में शामिल कर ले,
और विकास के जैसा ये भी आम बहस का हिस्सा बन जाये.
दिल्ली के लाजपत नगर मार्केट में 20 फुट का एयर पूरिफिएर लगाया जा चुका है,
चीन की तर्ज़ पर, ये कितने दिन चलेगा और इसका रख रखाव आने वाले दिनों में सामने आ जायेगा.
आयुर्वेद और स्वास्थ
हुक्का बार और ऑक्सीजन बार
दुनिया के 21 सबसे प्रदूषित शहर भारत में है, ये चिंता से अधिक चिंतन का विषय होना चाहिए,
मगर ऐसा हो नहीं रहा है.
2016 के डाटा बताता है की भारत में 140 मिलियन लोग WHO के स्वस्थ्य मानक से 10 गुना अधिक प्रदूषित हवा में सांस ले रहे है.
दिल्ली में हुक्का बार की तर्ज़ पर ऑक्सीजन बार शुरू हुआ है,
जो की इस गंभीर विषय की तरफ ध्यान आकर्षित कर रहा है.
Delhi’s First Smog Tower: Delhiites Get A Giant Air Purifier To Combat Air Pollution
दिल्ली को WHO मई 2014 में सबसे प्रदूषित शहर घोषित कर चुका है,
कोरोना के बढ़ते मामले दिल्ली में इसका एक उदहारण हो सकता है.
ओड इवन में गाड़िया चलवाने से लेकर न जाने कितने उपाय किये गए,
मगर ठोस उपाय ढूढ़ना अभी बाकि है |
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए मार्केट बनना शुरू हो गयी है,
आने वाला समय बताएगा ये कितना लाभदायक है.
साइकिलिंग स्वस्थ्य और शहर दोनों के लिए एक आर्गेनिक उपाय हो सकता है,
बस इच्छाशक्ति की कमी हमे इसके उपयोग और लाभ से वंचित रखे हुए है.
पराली जलाने से होने वाला प्रदुषण भी नियंत्रित किया जाना जरुरी है,
हरयाणा के एक युवा किसान ने पराली से कमाई के मॉडल को पेश किया है,
और इससे मुनाफा भी अर्जित कर के दिखाया है.
चिंता से ज्यादा चिंतन का ये विषय, बस सर्दियों के लिए चर्चा का विषय न बन के रह जाये.
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