श्रद्धांजलि: अरुण जेटली
भाजपा ने एक महीने में अपने दो बड़े नेताओ को खो दिया है | पहले सुषमा स्वराज, cardiac arrest के चलते नहीं रही, अब अरुण जेटली दुनिया से विदा कह गए |
छात्र नेता से वकालत तक का सफर
अरुण के पिता महाराज किशन जेटली पेशे से वकील थे, माँ रतन प्रभा जेटली थी |
कॉमर्स से स्नातक करके, दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री लेकर, वकालत में बड़ा नाम रहे |शरद यादव से लेकर माधवराव सिंधिया तक सभी के लिए वकालत करी |
जेटली इमरजेंसी के समय 19 महीने जेल में भी रहे | जेल से निकल कर जनसंघ से जुड़ गए |
छात्र राजनीति से अपनी शुरुआत करके, जयप्रकाश नारायण के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का हिस्सा बने |
ABVP के दिल्ली और राष्ट्रीय इकाई में अध्यक्ष और सेक्रेटरी के पदों पर रहे |
हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में कई महत्वपूर्ण केस भी लड़े |
1982 में जम्मू कश्मीर के फाइनेंस मिनिस्टर गिरधारी लाल डोगरा की बेटी संगीता से शादी हुई
Additional Solicitor General रहे वी.पी. सिंह सरकार में, बोफोर्स केस के पेपरवर्क से भी जुड़े |
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वित् मंत्रालय, के साथ डिफेन्स मिनिस्टर भी रहे |
डेमोनेटिज़ेशन और GST उनके कार्यकाल के बड़े फैसले रहे |
अनुच्छेद 370 समाप्त- ऐतिहासिक फैसला
भाजपा ने पिछले एक साल में अपने पांच बड़े नेता खो दिए,
जिसमे की सबसे पहले अटल बिहारी वाजपेयी 16 अगस्त 2018 को नहीं रहे |
उसके बाद 12 नवंबर को अनंत कुमार फेफड़ो के कैंसर से जूझते हुए दुनिया को अलविदा कह गए | अनंत कुमार ने बेंगलुरु साउथ से लगातार 6 बार जीत हासिल करी |
अरुण जेटली की तरह उन्होंने भी छात्र राजनिती से शुरुआत करी थी |
बाजपेयी सरकार में खेल मंत्री और शहरी विकास मंत्री भी रहे |
मनोहर परिकर 17 मार्च 2019 को नहीं रहे, उन्हें अग्नाशय के कैंसर की बीमारी थी | परिकर ने गोवा के मुख्यमंत्री की कमान चार बार संभाली |
सुषमा स्वराज ने 7 अगस्त 2019 को दुनिया को अलविदा कह दिया | विदेश मंत्रालय सभालते हुए, उन्होंने ट्वीटर के इस्तेमाल से बहुत से लोगों की सहायता करी, जिसके कारण उन्हें बहुत संवेदनशील कह सकते है |
अरुण जेटली के जाने से भाजपा ने एक और बड़ा नेता खो दिया है |
अरुण जेटली : पुरातनपंथी पार्टी का आधुनिक चेहरा
श्रद्धांजलि: अरुण जेटली जैसे व्यक्तित्व को, अरुण जी जैसे व्यक्तित्व कम ही हुए है राजनीति में, उनकी यादें हमेशा ही एक मुखर वक्ता और लोकप्रिय नेता की रहेगी |