बेहतर माहौल मिलने से यूपी बना फिल्म निर्माताओं की पहली पसंद

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ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी-2 के मौके पर मौजूद फिल्म जगत के जाने-माने निर्माता- निर्देशक कलाकारों ने एक स्वर में उत्तर प्रदेश में फिल्म उद्योग और टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना की। इस मौके पर फिल्म निर्माता बोनी कपूर ने सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी की सराहना की और कहा कि इससे फिल्म मेकिंग को काफी बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में की जनसंख्या करीब 22 करोड़ से अधिक है ऐसे में यहाँ सिंगल स्क्रीन सिनेमाहालों की घटती तादाद एक गंभीर चिंता का विषय है आज करीब 10 हजार सिंगल स्क्रीन विंडो की जरूरत प्रदेश में है। प्रदेश में 50 से अधिक जिले आज सिनेमाविहीन हो चुके हैं। सिनेमाहाल न होने की वजह से ऐसी जगहों पर मनोरंजन के साधन नहीं होते। इसलिए अपराध बढ़ते हैं।
प्रसिद्ध फिल्म निर्माता-निर्देशक सुभाष घई ने कहा कि वो हिन्दी सिनेमा के लिये 45 वर्ष पूर्व मुबंई गये थे हिन्दी सिनेमा जरूर मुंबई में बनता हो मगर हिन्दी भाषा हमारी यूपी की है तो हमारे यूपी में हिन्दी सिनेमा क्यो नहीं बनता है। शायद हम विकास नहीं कर सकें एक बेहतर फिल्म के निर्माण में 32 ललित कलाओं का समावेश होता है। हिन्दी सिनेमा ने पूरे जगत में भारत को मिलाया है एक कड़ी बनी है पूरे विश्व में इसके जरिये। हिन्दी सिनेमा के जरिये हमारी कला , संस्कृति, लोगों के चरित्र में,सभ्यता में उत्थान लाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जिला स्तर पर नाट्य संस्थान और थियेटर स्थापित करने की आवश्यकता है।

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कवि, लेखक व गीतकार प्रसून जोशी ने कहा कि यूपी में फिल्म निर्माण के क्षेत्र में काफी काम होने लगा है। करीब 200 फिल्में यूपी के कई शहरों में बन रहीं ऐसे हम जो यूपी में फिल्में बना रहे है क्या वो यूपी को बड़ी स्क्रीन के माध्यम से सही तरीके से प्रदर्शित कर पा रहे है या नहीं। फिल्म निर्माताओं को सरकार सब्सिडी सहित कई तरह की सुविधाएं दे रही है जिसकी जितनी प्रशंसा की जाये कम है आज सुरक्षा का जो माहौल यूपी में स्थापित हुआ है उससे हर कोई अब यूपी में अपनी फिल्मों की शूटिंग करने को तैयार है।


अभी तक जो यूपी को जो फिल्मों के माध्यम से दिखाया गया है भाषा हो या लोकसंगीत, फिल्मों के जरिये वह अभी परिपूर्ण नहीं है। लोगों को लगता है कि सिनेमा या फिल्म बनाना तुक्के काम है तुक्के से कोई फिल्म अच्छी बन गयी उसके पीछे कोई विज्ञान नहीं है तो सर्वथा गलत है यदि तयमानक का पालन करके फिल्म बनाई जाये तो वह जरूर अच्छी बनेगी।


फिल्म विकास परिषद के अध्यक्ष व हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सिनेमाहाल बहुत कम हैं। सिंगल स्क्रीन सिनेमाहाल में सफाई व्यवस्था भी सही न होने काऱण दर्शकों का मोहभंग हो रहा है ऐसे में सिंगल विंडो के मालिकों को चाहिये की वो अपने हाल में साफ-सफाई का इंतजाम बेहतर रखें। श्री राजू ने कहा कि जब कोई सिनेमाहाल टूटता है, तो बड़ा दुख होता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार के आने के बाद फिल्म निर्माताओं में भी उत्साह जगा है मगर प्रदेश में जो निर्माता फिल्म बनाने आएं, उन्हें समुचित सुरक्षा मिले व जल्द मिले।

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भाजपा नेता व फिल्म कलाकार दिनेश लाल निरहुआ ने प्रदेश सरकार द्वारा फिल्म सिटी बनाये जाने का सव्गत करते हुए कहा कि आज यूपी में जो फिल्म कलाकारों और निर्माताओं को जो सुरक्षित माहौल मिल रहा है उसी का परिणाम है यहाँ पहले की आपेक्षा काफी जाने-माने फिल्म निर्माताओं का आगमन हुआ।


फिल्म निर्माता व निर्देशक सतीश कौशिक ने अपर मुख्य सचिव एवं पर्यटन अवनीश अवस्थी की प्रशंसा करते हुये कहा कि आज यूपी वास्तव में फिल्म उद्योग को बढ़ावा देने के लिये काफी गंभीर है हर साल फिल्म और टूरिज्म के लिये कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है जिससे यूपी के भीतर फिल्म निर्माण में कोई दिक्कतें या चुनौतियाँ आ रही है तो वो भी तत्कालविचार-विमर्श करके दूर कर ली जाती है। उन्होने अपनी हाल की फिल्म कागज का जिक्र करते हुए बताया कि यो फिल्म सीतापूर के कस्बे में फिल्माई गई है। श्री कौशिक ने कहा की वो लोगों को बताना चाहते है की यूपी के भीतर लखनऊ,कानपूर, वाराणसी, के अलावा यहाँ के कस्बे भी काफी खूबसूरत है जिसे उन्होने अपनी फिल्म के द्वारा दिखाया है।


इस मौके पर अपर मुख्य सचिव एवं पर्यटन अवनीश अवस्थी ने कहा कि यूपी में बनने वाली फिल्मों की स्क्रिप्ट पर अब और ज्यादा ध्यान दिया जाएगा, ताकि प्रदेश की वास्तविक संस्कृति की झलक फिल्मों के जरिये सामने आ सके। उन्होंने कहा कि वाराणसी में जल्द ही फिल्म सिटी बनायी जायेगी। इसके लिए 106 हेक्टेयर जमीन चिह्नित की जा चुकी है। फिल्म सिटी में फिल्म ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट को भी शामिल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अगर कोई निवेशक नोएडा व ग्रेटर नोएडा को छोड़कर प्रदेश के अन्य बड़े शहरों मं फिल्म प्रशिक्षण संस्थान खोलता है, तो लागत का 50 प्रतिशत या फिर रूपए 50 लाख में जो से जो भी कम हो, का अधिकतम अनुदान दिया जाएगा। इसके अलावा यूपी में बनने वाली फिल्मों के लिए सरकार ने फिल्म निर्माण फण्ड की स्थापना की है, वहीं फिल्म निर्माण के प्रशिक्षुओं को स्कालरशिप, उपकरण की सुविधा भी दी जाएंगी।

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