डाटा के जंगल में गुम हो रहा बच्चो को बचपन
बच्चो को बहुत बीमार कर रहा इंटरनेट गेमिंग (सर्वे 2019) – डिजीटल युग में मासूम बच्चों का का बचपन कहीं खो सा गया है | बदलते परिवेश में आज बच्चों के दोस्त, खेल का मैदान, पार्क की जगह सबकुछ इंटरनेट के एक एप्लीकेशन में सिमट गया है। एक Recent Serve के अनुसार लोग गूगल पे Addiction of Internet Gaming in a Kid बहुत Search कर रहे है |
कैसे हम बच्चो में इंटरनेट गेमिंग पर बढ़ावा दे रहे है (We are the responsible for Internet Gaming in Kids)
आउटडोर गेम्स से ज्यादा तवज्जो अब इनडोर गेम्स को भी नहीं बल्कि इंटरनेट गेम्स को मिलने लगी है। एक-दो साल की उम्र से ही रोते हुये बच्चे को बहलाने के लिए अभिभावक उसके हाथों में मोबाइल पकड़ा देते हैं और खुद सोशल मीडिया पर व्यस्त हो जाते है | ऐसे में हम बच्चे से अनुशासित व्यवहार की उम्मीद कैसे कर सकते हैं ? अगर बच्चा बचपन से इन इलेक्ट्रॉनिक स्क्रीन वाले डिवाइसेज का इस्तेमाल करता है तो उसके दिमागी विकास पर असर जरूर पड़ता है।
बच्चो में कैसे बुरा असर करता है इंटरनेट गेमिंग(How Online Gaming Bad Effects your child’s Life)
इन डिवाइसेज की वजह से दिमाग में विकसित होने वाली कई महत्वपूर्ण सेल्स पैदा होने के साथ ही धीरे-धीरे नष्ट होने लगती हैं, जिससे बच्चा कुछ विशेष कामों में पीछे रह जाता है। खास बात ये है कि इनमें से ज्यादातर सेल्स का विकास दोबारा नहीं हो पाता है और बच्चों को उस खास दिमागी विकृति के साथ ही जीवन गुजारना पड़ सकता है।
Online Gaming के बारे में एक्सपर्ट से बातचीत (What Experts are saying About Internet Gaming In Kids)
अपोलो मेडिक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ ने कहा आजकल बच्चों के हद से ज्यादा इंटरनेट प्रयोग करना चिंता का विषय है | ज्यादा गेमिंग में व्यस्त रहने वाले बच्चे किसी चीज पर फोकस नहीं कर पाते, ध्यान न लगा पाना, दिमाग एकाग्र न होना, चीजें जल्दी भूल जाना, सही-गलत के निर्णय क्षमता में कमी, एटीट्यूड में बदलाव, लोगों की बातों को ठीक तरह से न समझ पाना और इसी कारण कई बार बद्तमीजी और जिद्दीपन का स्वभाव अपना लेना आदि कई परेशानियां हैं।
सामाजिक रूप से दिमाग विकसित नहीं होने देता ये Internet Gaming(Kids are not getting Social Skills due to Online Games)
डॉक्टर ने कहा कि ज्यादा वक्त इंटरनेट गेम्स खेलने वाले बच्चे सोशल लाइफ से दूर होकर अकेले रहना पसंद करने लगते हैं। बैठे-बैठे एक ही जगह गेमिंग के कारण बच्चों में मोटापा तेजी से बढ़ रहा है। गेम खेलने का शौक कब आदत में बदल जाए पता ही नहीं चलता ऐसे में माता-पिता को बच्चे की गतिविधियों पर नजर बनाए रखना होगा।
क्यों है खतनाक इंटरनेट गेमिंग (Bad Effects Of Addiction of Internet Gaming in a Kid)
- बच्चो का दिमागी विकास ठीक रूप से नहीं हो पाता है
- ध्यान लगाने में दिक्कत होती है, बच्चो में अनुसाशन की कमी का होना
- बच्चो के दिमाग में होने वाली कई महत्वपूर्ण नसे धीरे धीरे नष्ट होने लगती है, जिससे बच्चा कुछ चीजों में पीछे हो जाता है
- एकाग्रता की क्षमता काम होने लगती है
- चीजे जल्दी भूलने (Short Memory) लगना
- बच्चे सही गलत के बीच फर्क नई कर पाते
- बच्चो में फोकस करने की क्षमता कमजोर पड़ने लगती है
- उनके Attitude और Behavior में वर्चुअल दुनियां(Virtual World) का अंश नजर आने लगता है
- समाज के बीच बैठके ठीक ढंग से बात नई कर पाते
- बार बार किसी भी चीज की जिद करने की आदत का होना
- बैठे बैठे मोटापे का बढ़ना
- एडिक्शन की वजह से बच्चा स्कूल और पढाई से जी चुराएगा
- एडिक्शन की वजह से बच्चा चिड़चिड़ा हो सकता है।
पेरेंट्स को किन बातों का ख्याल रखना चाहिए
- माता पिता ये तय करें कि बच्चे को किस उम्र में कौन सा गैजेट/गेम या डिवाइस देना है।
- अगर बच्चा इंटरनेट पर गेम खेलता है तो गेम्स खेलने का वक्त तय करें
- आधे घंटे से ज्यादा इंटरनेट गेम्स न खेलने दें
- आउटडोर गेम्स को बढ़ावा दें
- अगर बच्चा इंटरनेट गेम्स को ज्यादा वक्त देने लगा है तो उसे रोकें
- बच्चे इंटरनेट पर क्या करता है कौन सा गेम खेलता है उस पर नजर रखें।
- अगर बच्चा रोजाना इंटरनेट पर ज्यादा वक्त बिता रहा है तो सतर्क हो जाइए
- बच्चा गुमसुम रहने लगेगा और व्यवहार में बदलाव आएगा
- एडिक्शन की वजह से बच्चा स्कूल और पढाई से जी चुराएगा
- बच्चा सोशल लाइफ से दूरी बनाकर अकेले रहना पसंद करेगा
- एडिक्शन की वजह से बच्चा चिड़चिड़ा हो सकता है
गेम नहीं खेलने देने की वजह से बच्चा हिंसक भी हो सकता है अगर आपका बच्चे में ऐसे लक्षण हैं तो बिना देरी करे मनोचिकित्सक से मिलिए। बच्चे का मानसिक और भावनकत्मक रूप से ख्याल रखिए। लेकिन बच्चे के सुरक्षित भविष्य के लिए बढ़ते बच्चों को इंटरनेट का उतना ही इस्तेमाल करने दें जितना जरूरी है. कहीं ऐसा न हो कि इंटरनेट गेमिंग का नशा आपके बच्चे को बीमार कर दे। पिछले कई सालों में सूचना तकनीक ने जिस तरह से तरक्की की है, इसने मानव जीवन पर बेहद गहरा प्रभाव डाला है। बच्चे और युवा तो सूचना तकनीक के प्रभाव से इस कदर प्रभावित हैं कि एक पल भी वे स्मार्टफोन से खुद को अलग रखना गंवारा नहीं समझते।
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बच्चा सोशल लाइफ से दूरी बनाकर अकेले रहना पसंद करने लगे है
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पिछले कई सालों में सूचना तकनीक ने जिस तरह से तरक्की की है, इसने मानव जीवन पर बेहद गहरा प्रभाव डाला है। बच्चे और युवा तो सूचना तकनीक के प्रभाव से इस कदर प्रभावित हैं कि एक पल भी वे स्मार्टफोन से खुद को अलग रखना गंवारा नहीं समझते।
उम्मीद है हमारा ये Article Addiction of Internet Gaming in a Kid जो की Rananjay Pratap Singh ने लिखा है आपको जरूर पसंद आया होगा | ऐसे ही Article के लिए हमारा News Letter सब्सक्राइब जरूर करे
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