Face Recognition Technology Banned – हाल ही में सैन फ़्राँसिस्को सरकार नें इस तकनीक को हर प्रकार से बैन कर दिया है,जिसके कई कारण बताये जा रहे है। इसके अलावा यूसए के कई अन्य शहर भी इस तकनीक को पूरी तरह बैन करने की तैयारी में है। साथ ही में पूरे विश्व में इसका प्रभाव देखा जा सकता है,जिसके अंतर्गत हमारा प्यारा भारत भी शामिल है। सैन फ्राँसिस्को में एक बिल(Restricts Surveillance Technologies 2019) के तहत इसे पारित कर इसे बैन किया है जिसके अंतर्गत शहर के सभी संस्थाओं से पूरी तरह इस तकनीक को हटा दिया गया । इसके निम्न कारण बताये गये है—
क्यों हो रही है बैन
1.सैनफ्राँसिसको की जनता की प्राइवेसी को और अधिक मजबूत करना है।
2. फेसियल रिकग्निशन टेक्नोलॉजी 100% सुरक्षित नहीं है,जो कि एक बहुत बड़ा कारण बन सकता है।
3.चीन के द्वारा अपनी जनता पर नजर रखने लिये इस तकनीक का प्रयोग अधिक मात्रा में किया जा रहा है। जो समूचे विश्व के लिये एक खतरा बन सकता है।
भारत में इसका क्या असर पड़ सकता है
उम्मीद की जा रही है, भारत में इसे बैन करने की माँग उठ सकती है। क्योंकि हाल ही में भारत सरकार नें कर्नाटक के बैंगलुरू हवाईअड्डा पर पुर्तगीज सॉफ्टवेयर कम्पनी की मदद से फेसिअल रिकग्निशन तकनीक का प्रयोग प्रारम्भ करने की घोषणा की है। साथ ही भारत के अन्य हवाई अड्डों पर भी इसको लगाया जाने की घोषणा की गई है। इसके अलावा भारत सरकार इसे आधार कार्ड के साथ भी लिंक करना चाहती है। अतः जब यूसए ने इसे बैन किया है तो भारत सरकार को भी इस पर विचार करना होगा।
क्या है फेसिअल रिकग्निशन तकनीक(Face Recognition Technology Banned)
चेहरे की पहचान बायोमेट्रिक सॉफ़्टवेयर की एक श्रेणी है जो किसी व्यक्ति के चेहरे की विशेषताओं को गणितीय रूप से मैप करती है और डेटा को फेसप्रिंट के रूप में संग्रहीत करती है। सॉफ्टवेयर किसी व्यक्ति की पहचान को सत्यापित करने के लिए एक लाइव कैप्चर या डिजिटल इमेज को संग्रहीत फेसप्रिंट की तुलना करने के लिए डीप लर्निंग एल्गोरिदम का उपयोग करता है।