2014 के बाद आश्चर्यचकित रूप से दूरसंचार में आए बदलाव के कारण ही आज सम्पूर्ण देश में तेज़ी से डिजिटलाइजेशन हुआ है। माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का सपना है की शहर से गाँव तक हर गली मोहल्ले को डिजीटली रूप से सुदृढ़ कर दिया जाए। आज हर शक्स को सिर्फ एक क्लिक में बड़ी ही सुगमता से सूक्ष्म से सूक्ष्म जानकारी उपलब्ध है। टेलीकॉम क्रांति के कारण आज हमारे पॉकेट में रखा मोबाइल फोन चलता-फिरता ज्ञान का भंडार है रेल का टिकट हो या बिजली का बिल, गैस की बुकिंग या विद्यालय की फीस हर चीज के लिये आपको अब लम्बी-लम्बी लाइनों में लगने की जरूरत नहीं है।
एयरटेल ने डिजिटल उत्तर प्रदेश के लिए बैकबोन तैयार किया
आ से आम और ई से इमली सब कुछ यहाँ बड़ी आसानी से मिल जाएगा. सरकारी विभाग की बड़ी से बड़ी और सूक्ष्म से सूक्ष्म जानकारी इंटरनेट के माध्यम से हमारे जेब में रखें मोबाइल फोन में मौजूद है. टेलिकॉम क्रांति से आज हमको मोटी-मोटी पुस्तकें अपने साथ रखने की जरूरत नहीं है सब कुछ फोन पर मौजूद है। संचार क्रांति होने से खत लिखने का जमाना चला गया आज आप मोबाइल से बात करके किसी का भी पूरा ब्यौरा ले सकते है
प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने 2014 के शुरूआत में ही जो सम्पूर्ण डिजिटल इंडिया की नींव रखी थी उससे समूचे देश में सूचना के क्षेत्र में जबरदस्त बदलाव हुआ है। आज विभिन्न विभागों व मंत्रालयों की डिजिटल सेवाओं को आपस में जोड़ने वाली इतनी बड़ी, सुनियोजित और समन्वित परियोजना की परिकल्पना सफल हुई है जो की बगैर डिजीटाइलेशन के मुमकीन नहीं था।
केंद्र और राज्य सरकारें पिछले कुछ दशकों से कंप्यूटरीकरण और ई-प्रशासन को महत्व देती आई हैं और उन्होंने इस दिशा में अपने-अपने स्तर पर सफलताएं भी अर्जित की हैं।
What is Digital India ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जिन्हें स्वयं डिजिटल तकनीकों के प्रयोग में प्रवीणता के लिए सराहा जाता है उनके नेतृत्व में केंद्र सरकार तीन बड़े लक्ष्यों को लेकर आगे बढ़ रही है- पहला, देश में व्यापक स्तर पर आधारभूत डिजिटल सेवाओं का विकास, दूसरा इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से सरकारी सेवाएं तथा प्रशासनिक सुविधाएं हर समय उपलब्ध रहें, जिसे ‘ऑन डिमांड’ कहा जाता है, अर्थात् जब चाहें, सेवा पाएँ। और आखिरी भारतीय नागरिकों को तकनीकी दृष्टि से सक्षम और सबल बनाना। दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग ने भारत के 23 करोड़ लोग इंटरनेट से जुड़े हैं जबकि एक अरब आज भी इससे वंचित हैं। यदि भारत अपने गांवों को कनेक्ट करने में सफल रहता है तो दुनिया उसकी ओर ध्यान देने पर मजबूर होगी।
आज डिजीटल क्रान्ति के कारण ही ई-प्रशासन, ई-कॉमर्स, ई-शिक्षा और ई-बैंकिंग जैसे क्षेत्रों का कायाकल्प हो रहा है।
केंद्र सरकार ने सन् 2017 तक 2.5 लाख गांवों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा था । लगभग इतने ही विद्यालयों को सन् 2019 के अंत तक वाइ-फाइ सुविधा से लैस कर दिया जाएगा। नैशनल ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क, जिस पर करीब 35 हजार करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाने वाली है, ग्रामीण जनता को इंटरनेट सुपरहाइवे पर ले आएगा। भारत में कंप्यूटर और इंटरनेट का प्रयोग आज भी बहुत सीमित है किंतु मोबाइल कनेक्शनों के प्रसार की दृष्टि से हम चीन के बाद विश्व में दूसरे नंबर पर हैं।
भारतीय परिस्थितियों में ई-गवरनेंस की तुलना में एम-गवरनेंस अधिक प्रभावी सिद्ध हो सकता है। डिजिटल इंडिया के तहत विकास के नौ स्तंभ चिन्हित किए गए हैं, जिनमें ब्रॉडबैंड हाइवेज, सर्वत्र उपलब्ध मोबाइल कनेक्टिविटी, इंटरनेट के सार्वजनिक प्रयोग की सहज सुविधा, ई-प्रशासन, ई-क्रांति- जिसका अर्थ सेवाओं की इलेक्ट्रॉनिक डिलीवरी से है-, सबके लिए सूचना, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण, रोजगार के लिए सूचना प्रौद्योगिकी तथा अर्ली हार्वेस्ट कार्यक्रम शामिल हैं।
केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे ऐसी सेवाओं और सुविधाओं का विकास करने में जुटें जिन्हें आईसीटी के माध्यम से लोगों तक पहुँचाया जा सके। इनमें स्वास्थ्य सेवाएँ, शिक्षा, न्यायिक सेवाएँ, राजस्व सेवाएँ, मोबाइल बैंकिंग आदि शामिल हो सकती हैं।
‘डिजिटल इंडिया’ में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है।