पाकिस्तान पर अब भारत की `छुहारा स्ट्राइक`, व्यापार में करोड़ों का हो रहा नुकसान

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पाक आयात पर 200 फीसदी कस्टम ड्यूटी लगाने का सबसे अधिक असर पाकिस्तानी छुहारे पर हुआ है। भारत में आने वाले पाकिस्तानी छुहारे का स्थान ईराकी छुहारे ने ले लिया है और व्यापारियों ने अब खाड़ी देशों का रूख कर लिया है। खाड़ी देशों की मार्केट गुलजार होने लगी है। वहीं भारतीय बाजार में ईराकी छुहारा तेजी से पैर पसार रहा है और लोगों की पसंद बनना शुरू हो गया है।

बीते वर्ष पाकिस्तान से 171,004 टन छुहारों का आयत हुआ था
पाकिस्तान में छुहारा की काफी पैदावार है और बीते वर्ष भारत ने पाकिस्तान से 171,004 टन छुहारों का आयत किया। जिसका सलाना कारोबार 110 करोड़ के आस-पास था। पुलवामा हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान से आने वाले सामानों पर आयात शुल्क 200 प्रतिशत कर दिया है। थोक मार्केट से लेकर खुदरा दुकानों तक पाकिस्तानी छुहारों की कालाबाजी शुरू हो गयी, जो छुहारा 75 से 80 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा था वह बढ़कर 100 से 150 रुपये प्रति किलो तक हो गया है।

सीमेंट, जिप्सम के अलावा छुहारा प्रमुख आयात
वहीं परचून बाजार में इसका दाम अब बढ़कर 250 रुपये तक हो गया। भारत में सबसे ज्यादा छुहारा पाकिस्तान से आता है और इसका सालाना कारोबार करीब 110 करोड़ रुपये है। अमृतसर से मुख्य रूप से इसकी आवक होती है। 2015-16 के दौरान आईसीपी के जरिए पाकिस्तान से 2414.08 करोड़ रुपये, 2017-18 में 3403.95 करोड़ और चालू वर्ष 2018-19 में नवंबर 2018 तक पाकिस्तान से 2471.72 करोड़ रुपये का सामान आयात किया गया। जिसमें ज्यादातर पाकिस्तानी सीमेंट, जिप्सम के अलावा छुहारा प्रमुख थे।
 

कारोबारियों ने किया अब ईराक का रूख
दरअसल, पाकिस्तान एशिया में एकमात्र ऐसा देश है जो बडे़ स्तर पर छुहारे की खेती करता है और दुनिया भर में छुहारे उत्पादन के मामले में ये 5 वे नंबर पर आता है। इसकी सबसे ज्यादा खेती मिस्र में होती है पाकिस्तान में सिंध में सबसे ज्यादा छुहारे का उत्पादन होता है क्योंकि वहां का मौसम इस खेती के लिए अनुकूल है। पाकिस्तान से छुहारे का आयात बंद हुआ तो कारोबारियों ने अब ईराक का रूख कर लिया है। वहां का छुहारा 150 रुपये प्रति किलो से कम पर बिक रहा है। 

पाकिस्तानी छुहारा काफी सस्ता
भारत व पाक संबंधों में तनाव कम होता न देखकर ईराक व अन्य खाड़ी देशों से भारत में छुहारे के लिए मुंह खोल दिए हैं। छुआरा आयात एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल मेहरा का कहना है कि पाकिस्तानी छुहारा काफी सस्ता था, वह तो सिर्फ 60 रुपये किलो आ जाता था इसलिए इराकी छुहारे को लोग व कारोबारी तवज्जों नहीं देते थे लेकिन 200 फीसदी ड्यूटी लगने से ईराकी छुहारे की कीमत कम हो गयी और पाकिस्तान छुहारे की अधिक। इसलिए ईराकी छुहारा मार्केट में पैर पसार रहा है।

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