जाने कैसे तोड़ा सुब्रत पाठक ने सपा का तिलस्म – BJP MP सुब्रत पाठक कन्नौज लोकसभा सीट पिछले दो दशकों से अधिक समाजवादी पार्टी के पास थी। इस सीट पर २००९ से सुब्रत पाठक संघर्ष कर रहे थे , सपा के इस अभेद गढ़ को जीतना कोई आसान कार्य नहीं था ,लेकिन सुब्रत पाठक भी इस सीट को सपा से छीनने पर अड़ गए और आखिरकार एक दशक के बाद सुब्रत पाठक समाजवादी पार्टी की इस वीआईपी सीट का तिस्लम तोड़ने में कामयाब रहे।
Dimple Yadav of SP trails in Kannauj as BJP’s Subrat Pathak takes lead
जाने कैसे तोड़ा सपा का तिलिस्म
कन्नौज से सांसद रही डिम्पल यादव का अपनी क्षेत्र की जनता के साथ कोई भी सीधा जुड़ाव ना होना , उनकी हार और सुब्रत की जीत का सबसे बड़ा कारण रहा। जहां सुब्रत क्षेत्र की जनता के लिए हर समय मौजूद थे , तो वही उस क्षेत्र की सांसद तक जनता की पहुंच ही नहीं थी। इस बार सपा से नाराज समाजवादी कद्दावर नेता भी भाजपा प्रत्याशी सुब्रत के साथ आ गए। जिन्होंने समाजवादी के इस अभेद किले को भेदने में महत्तपूर्ण भूमिका अदा की।
मोदी की रैली भी रही वजह (BJP MP सुब्रत पाठक)
सपा के इस किले को भेदने में मोदी की रैली भी बड़ी वजह रही। जिस ग्राउंड पर अखिलेश और मायावती की रैली हुई उसी ग्राउंड पर मोदी की रैली कराकर भाजपा ने वोटिंग से पहले ही अपना शक्तिप्रदर्शन कर दिया था। रैली में मोदी के द्वारा परिवार वाद और सपा सरकार में दलितों पर किये गए हमलो को उठाना भी बड़ी बजह रहा।
सपा नेताओ की आपसी गुटबाजी भी रहा बड़ा कारण
सपा के गढ़ का तिलस्म तोड़ने में सपा के नेताओ का अंतविरोध भी बड़ा कारण रहा। पूरी लोकसभा में पार्टी के नेताओ के कई अलग अलग गुट तैयार हो गए थे , जिसकी वजह से पार्टी का आम कार्यकर्त्ता भ्रमित हो गया और वह पार्टी से दूर होता चला गया।